How to stop over thinking
आज कल over thinking एक बड़ी समस्या बन गई है। इस दौर में हर व्यक्ति अपने किसी न किसी काम को लेकर over thinking कर रहा है, जो कि बहुत परेशानी का विषय है। इस आर्टिकल में, हम over thinking से बचने के लिए एक कहानी का सहारा ले रहे हैं। इस कहानी को पढ़ने के बाद आप over thinking की आदत से पूरी तरह छुटकारा पा सकेंगे। इसके अलावा, हमने कुछ टिप्स भी दी हैं जो over thinking को खत्म करने में आपकी मदद करेंगी।
एक बुद्ध साधु की कहानी :
एक बार की बात है, हिमालय की एक छोटी सी कुटिया में एक बुद्धिस्ट साधु रहा करते थे। उनकी शांति और ज्ञान की दूर-दूर तक चर्चा थी। एक दिन, शहर का एक युवक, जो अपने मन में उठने वाले विचारों से बहुत परेशान था, उनके पास आया। उसने कहा, “बाबा, मैं अपनी over thinking की समस्या से बहुत परेशान हूँ। कृपया मुझे कोई उपाय बताइये।”
बाबा ने उसे मुस्कुराते हुए कहा, “बेटा, तुम हर दिन ध्यान करना शुरू कर दो। इससे तुम्हारी over thinking की समस्या दूर हो जाएगी।”
युवक ने उत्तर दिया, “बाबा, मैंने बहुत ध्यान किया, लेकिन मेरा ध्यान में फोकस नहीं बन पाता। ध्यान के समय भी मेरा मन भटकता रहता है। आप मुझे कोई और उपाय बताइये या कोई मंत्र दीजिये, जिससे मैं ठीक हो सकूं।”
बाबा ने कहा, “अच्छा! ठीक है, मैं तुम्हे एक मंत्र देता हूँ।” उन्होंने युवक के कान में एक मंत्र फुसफुसाया और कहा, “बेटा, इसे हर दिन पढ़ते रहना, तुम एकदम शांत महसूस करोगे।”
युवक बहुत खुश हुआ और बाबा को धन्यवाद देकर जाने लगा। तभी बाबा ने उसे बुलाया, “सुनो बेटा, जब भी तुम ये मंत्र पढ़ना, तो बंदर के बारे में मत सोचना।”
युवक ने हँसते हुए कहा, “बाबा, भला बंदर से मेरा क्या लेना-देना? मैं बंदर के बारे में क्यों सोचूंगा।” और वह वहाँ से चला गया।
अगले दिन, जब युवक मंत्र पढ़ने बैठा, तो उसे बाबा की बात याद आई – बंदर के बारे में मत सोचना। कुछ ही देर में उसके दिमाग में बंदरों की तस्वीरें घूमने लगीं। जैसे ही वह मंत्र पढ़ने बैठता और सोचता कि मैं बंदर के बारे में नहीं सोचूंगा, वैसे ही उसके दिमाग में बंदर ही बंदर आ जाते। यहाँ तक कि उसे सोते समय, खाते समय और घूमते समय भी बंदरों के विचार आने लगे।
युवक इससे बहुत परेशान हो गया और फिर बाबा के पास गया। उसने कहा, “बाबा, ये कैसा मंत्र दिया आपने? कल तक मैं बंदर के बारे में सोचता भी नहीं था और अब मेरे दिमाग से बंदर जाने का नाम ही नहीं ले रहे।”
बाबा मुस्कुराते हुए बोले, “ये तुम्हारे लिए एक पाठ था। तुम अपने over thinking से इतने परेशान हो गए थे कि उसका समाधान ढूंढते-ढूंढते यहाँ तक चले आए। जबकि समाधान तुम्हारे अंदर ही था। तुम अपने विचारों को रोकने की कोशिश कर रहे थे, जैसे तुम बंदर के विचारों को रोकने की कोशिश कर रहे थे। जितना तुम अपने विचारों से लड़ोगे, वे उतना ही तुम पर हावी होते जाएंगे।”
युवक ने कहा, “ठीक है, आज से जब भी मैं over thinking करूँगा, तो उसे रोकने की कोशिश नहीं करूँगा। मैं अपने विचारों से लड़ाई नहीं करूँगा। लेकिन इससे मेरी over thinking की समस्या दूर नहीं होगी ना।”
फिर बाबा उसे एक पत्ते की ओर इशारा करते हैं जो पेड़ से गिर रहा था। लड़के की आँखें उस पत्ते को देखती हैं जो हवा में बिना किसी दबाव के तैरते हुए नीचे गिर रहा था।
बाबा कहते हैं, “अब बताओ कहाँ हैं विचार?”
लड़का सोचता है कि जब वह पत्ते को देख रहा था तो उसके दिमाग में कोई विचार नहीं थे। जैसे उसका पूरा दिमाग खाली हो गया हो और वह हमेशा से यही चाहता था।
लड़का पूछता है, “बाबा, ये कैसे हुआ? मेरे दिमाग से दो सेकंड के लिए सारे विचार खत्म हो गए थे और मैं हमेशा ऐसे ही रहना चाहता हूँ।”
बाबा कहते हैं, “तुम over thinking में अपना पूरा समय बस दिमाग के अंदर सोचते रहते हो, अपने विचारों से लड़ते रहते हो। इसी विचारों की लड़ाई में तुम भूल जाते हो कि तुम्हारे दिमाग के बाहर भी एक दुनिया है। अपने वर्तमान में जियो, भूत और भविष्य के बारे में मत सोचो।” बाबा की सीख को मान कर अब लडका अपने शहर वापस चला जाता है।
Tips for stop overthinking –
1. Practice Mindfulness
माइंडफुलनेस एक ऐसा मार्ग है जो overthinking जैसी समस्या से निपटने में मदद कर सकता है। इसका अभ्यास करना मतलब है वर्त्तमान समय में जीना। मेडिटेशन एक बहुत अच्छा तरीका है जिससे आप माइंडफुलनेस की ओर बढ़ सकते हैं। जैसा कि ऊपर कहानी में बताया गया है, हमें अपने वर्तमान के छड़ों को शांति से जीना चाहिए। एक फेमस कोट है ” जब हम वर्तमान में पूरी तरह से मौजूद होते हैं, तब ही हम अपनी जीवन की सच्ची सुंदरता को महसूस कर पाते हैं। ”
2. Write Your Thoughts
अपने विचारो को पेपर पर लिखे। अगर आप अपने विचारो के समुंदर में खो जाते है तो उसे पेपर पर लिखे। एक बार जब विचार पेपर आ जाते है तो आधी समस्या अपने आप दूर हो जाती है। अकसर हर विचार एक समस्या से जुड़ा होता है तो आप विचार को लिखे फिर उसके सभी सलूशन के बारे में सोचो।
3. Keep Your Self Busy
अपने आपको को हमेसा किसी ना किसी काम में बिजी रखे। क्योकि जब आप किसी काम में बिजी रहते हैं तो आपका दिमाक सोचना बंद कर देने हैं। हेल्थ लाइन के अनुसार distractions सबसे अच्छा तरीका हैं overthinking को कम करने के लिए। नये चीजों के बारे में पढ़े, नये – नये लोगो से बात करें और हमेसा कुछ ना कुछ नया करते रहे हे।
4. Stay Calm
दिमाग़ को शांत रखे। जब दिमाग़ शांत रहता हैं तो नेगेटिव थॉट नहीं आते हैं और हम विचारों में फ़साने से बच जाते हैं। ऐसी चीजों के बारे में ना सोचे जिनका वास्तविक से कोई लेना देना ना हो। आपका शांत दिमाग़ आपके confidence को बढ़ाता हैं। एक study के अनुसार म्यूजिक एक अच्छा तरीका हैं दिमाग़ को शांत रखने का। अपने मन को शांत करने वाले गाने सुने। ऐसे गाने जो आपके दिमाग़ को शांत रखे।
5. Meditation
अगर National Institute of Health की माने तो meditation स्ट्रेस और एंग्जायटी जैसी समस्याओ को दूर करता हैं और दिमाग़ को भी शांत रखता हैं।
रोज 15 – 30 मिनट रोज meditation करें और आँखें बंद करके अपने शरीर को पूरी तरह से आराम दें।
मैडिटेशन सिखाने के लिए आप ये विडिओ देख सकते हैं –
6. Deep Breathing
3-5 सेकंड के लिए अपनी सांस को रोकें। धीरे-धीरे अपनी नाक से गहरी सांस लें, जिससे आपके फेफड़े पूरी तरह से हवा से भर जाएं। इस दौरान अपनी सांस को पेट तक ले जाएं ताकि आपका पेट फूल जाए और मुंह से सांस छोड़ें।
गहरी सांस लेने के फायदे:
तनाव और चिंता को कम करता है।
ध्यान केंद्रित करने में मदद करता है।
Blood flow को नियंत्रित करता है।
नींद में सुधार करता है।
7. Stop procrastination
Procrastination एक ऐसी समस्या हैं जो overthinking को बढ़ावा देती हैं। Procrastination में हम अपने काम को चाह कर भी पूरा नहीं कर पते है। इस स्थिति में हम की काम पूरा नहीं कर पते है। जब काम पूरा नहीं होता है तो हम उसके विषय में बस सोचते रहते है और वही overthinking का रूप ले लेता है। इसलिए Procrastination न करे सभी काम को टाइम पर ख़त्म करे।